पिंटू के काले कारनामें का पर्दाफाश

राजनीतिक संवाददाता द्वारा
रांची : बिहार से अलग हो कर नये सपने लिए झारखंड में शुरू से ही तरह-तरह के माइंस के लीज पर करोड़ों रुपयों का खेल चलता आ रहा है और इस खेल में सबसे बड़ा उदाहरण मधु कोड़ा के मुख्यमंत्री काल में खुलेआम चला था, जिसके कारण मधु कोड़ा और उनके सहयोगियों पर करीबन 2 दर्जन केस भी चल रहे हैं! माननीय पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा कई वर्षों तक जेल की हवा भी खा चुके हैं। और अभी बेचारे बनकर मुकदमों की फाइलें लेकर कचहरी के चक्कर लगा रहे हैं। और अपने ऊपर दर्ज मुकदमों की पैरवी में दिन रात एक किए हुए हैं। लेकिन अभी भी राजनेताओं व उनके चमचों को मधु कोड़ा के गर्दिश के दिन का याद नहीं आते हैं। इसी कड़ी में अब नया नाम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के चहेते प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू के काले कारनामों का काला चिट्ठा उजागर सर्वोच्च न्यायालय में हुआ है! इस संबंध में जानकारी मिली है कि श्री प्रसाद के नाम पर साहिबगंज के मोजे पकड़िया में स्टोन माइंस है! यह स्टोन माइंस का लीज शिव शक्ति इंटरप्राइजेज के नाम पर है । जिसका प्रोपराइटर अभिषेक प्रसाद हैं! यह माइंस करीबन 11.70 एकड़ में फैला हुआ है!

श्री अभिषेक प्रसाद बने मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार | Chief Minister of  Jharkhand | Government of Jharkhand, Ranchi

राज्य में झामुमो और कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने के बाद और झारखंड स्टेट पोलूशन कंट्रोल बोर्ड ने 28 नवंबर 2021 को स्टोन माइंस पर काम लगाने का सीटीई और 12 जनवरी 2022 को इसे चलाने का सीटीओ भी जारी कर दिया है! इस कृत्य को अवैध बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर हुआ जो 21 मार्च को स्वीकृत हो गया है! याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा कि राज्य सरकार की ओर से दी गई खनन की अनुमति रद्द की जाय और पूरे मामले को सीबीआई जांच करने की मांग की है! और कहा कि तत्काल इस मामले का पर्दाफाश करने की आवश्यकता है! याचिका 21 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकृत किया है, जिसका नंबर 116-2022 है! याचिकाकर्ता ने कहा है कि अभिषेक प्रसाद को झारखंड सरकार की ओर से सारी सुविधाएं मिलती है यह सरकारी पदाधिकारी पर लागू होने वाली आचार संहिता के दायरे में आते हैं। इस संबंध में जानकारी मिली है कि खनन को चलाने के लिये पिंटू ने अपने सगे संबंधियों को काम सौंपा था। और ये ही लोग दफ्तरों में घूम-घूम कर खदान की स्वीकृति प्रदान कराया है। इसके अलावा पिंटू के अधीनस्थ सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में इनकी भाभी सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के उप निदेशक श्रीमती शालिनी वर्मा विक्टोरिया रानी की तरह काम कर रहीं हैं। श्रीमती वर्मा ने खुलेआम प्राय: सभी दैनिक अखबारों को मौखिक आदेश दिया है कि खदान के पट्टे से संबंधित पिंटू जी का समाचार प्रकाशित नहीं करेंअन्यथा आपको झारखंड सरकार का विज्ञापन बंद हो जाएगा, जिसके कारण एक दैनिक अखबार छोड़कर सभी दैनिक अखबारों ने पिंटू के काले कारनामों के समाचार को ब्लैक आउट कर दिया है। इधर भाजपा ने कहा है कि मुख्यमंत्री अपने प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद को तत्काल पद से हटाएं। साहेबगंज स्थित पकड़िया में अभिषेक को अलॉट की गई स्टोन माइंस रद्द हो। गुरुवार को प्रदेश कार्यालय में हुई प्रेस वार्ता में प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि अभिषेक का मामला प्रकाश में आने पर सरकारी संरक्षण में प्रदेश की खनिज संपदा की लूट साबित हुई है। मुख्यमंत्री जांच कराएं कि उनके प्रेस सलाहकार अभिषेक ने माइंस कैसे ली। इस अनैतिक कार्य में शामिल अधिकारियों की पहचान की जाए। जांच प्रभावित न हो, इसके लिए अभिषेक को उनके पद से हटाया जाए। ऐसा नहीं कर पाने की स्थिति में मुख्यमंत्री स्वयं अपने पद से त्यागपत्र दें। खनिज संपदा की लूट पर जेएमएम विधायक सीता सोरेन और लोबिन हेंब्रम भी सवाल उठा रहे हैं। प्रेस वार्ता में प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक और प्रदेश प्रवक्ता अविनेश कुमार भी थे। विधानसभा के बाहर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जब सीएम ही खनिज संपदा की लूट में शामिल हैं, तो उनके लोग कैसे पीछे रहेंगे।

Related posts

Leave a Comment